रेप होने के पीछे की सच्चाई..

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रेप-वेप की बहुत न्यूज़ आती है आज कल दुनिया जागरूक हो रही है FB पर पोस्ट्स पढ़ती रहती हूँ, Women Empowerment की नौजवानो में आजकल कुछ ज्यादा फैशन है नारी हित में बात करने का लड़के opposite sex की दुर्गति की इतनी निंदा करते हैं Social Media पर की देख कर ऐसा लगता है पूरा देश जाग गया लेकिन तभी अगले ही पल एक और रेप की न्यूज़ आ जाती है ज्यादा Intellectual नहीं हूँ तो इस संवेदनशील टॉपिक पर टिप्पणी करने से बचूँगी
Women Empowerment का एक Advertisement देखा कुछ दिन पहले, बहुत सुन्दर युवतियाँ नारी शक्ति को बढाने की बात कर रहीं थी उसके बाद एक विज्ञापन देखा एक अति सुन्दर लड़की अपने चमचमाते दातों को दिखा कर "यह Wala" toothpaste लेने को बोल रही थी उसके अगले विज्ञापन में लड़की (पहली वाली से भी ज्यादा सुन्दर ) "यह वाला" Shaving Cream लगने को कह रही थी ना जाने लड़कियो का Men products के विज्ञापन में क्या काम ??
उस Shaving cream से ज्यादा लड़की की सुंदरता को बेचने की कोशिश लगी यहाँ तक की आदमी के कच्छे के विज्ञापन मे भी नारी को ले आए पंखे के एक विज्ञापन में लड़की (बेहद सुन्दर ) की साड़ी उड़ती हुई दिखाई गयी, यहाँ दो कदम आगे बढ़ कर सुंदरता के साथ लज्जा और मर्यादा भी बेंच दी गयी Aamsutra का Ads भी देखा , Kaamsutra का ज्यादा भाव आया सब से ज्यादा गदर तो लड़को के Deo वाले विज्ञापन ने मचा रखा है, उस मे तो सेक्स को ले कर कुछ ज्यादा ही उत्सुकता दिखाई गयी है अगले विज्ञापन में तो युवती "वह वाला" Cream लगा कर 4-tone गोरा बनकर मा-बाप का नाम रोशन कर देती है और जीवन में उपलब्धि पा लेती है
सुन्दर लड़कियो और इन वस्तुओ के विज्ञापन में Relation क्या है ?
सुंदरता और नग्न देह देख कर लोग वस्तुएं खरीद ले यह?
इस तरह लड़कियो का Objectify किया जाना तथाकथित बुद्धिजीवीयो और महिला उद्धार के ठेकेदारो को क्यू नहीं खटकता ?
सुंदरता के प्रति लालच , गोरी चमडी पर झूठा गर्व और काली/कुरूप लड़कियो की दुर्दशा क्या यहाँ से शुरू नहीं होती ? पर हम Intellectual लोग हैं रेप के खिलाफ बोल लिया , लड़कियो को लड़को का शादी के लिये हमेशा सुन्दर और गोरी लड़की की डिमॅंड रखने का मज़ाक उड़ा लिया बस , हमारा काम खत्म हो गया... उस लड़की का क्या जो हज़ारो क्रीम लगा कर भी गोरी रंगत नहीं पा पाती और इस छदम दुनिया के पराकाष्ठाओं पर खड़ी ना हो पाने के कारण निराश हो जाती है ?
पहले लड़की को उपभोग का साधन बना कर दर्शाएंगे फिर रेप के बाद Candle ले के सडको पर निकल लेंगे वाह !
सलाम है आपकी विचारधारा को
और फोटो मे देखो कैसे औरत को हवस का साधन बनाने मे लेगे है झोपडी के साला ऐसे पोस्टर, विज्ञापन पर कोई नारीवादी कुछ क्यू नही बोलता ??
और बोले भी कैसे कोई कुछ बोलेगा तो यही नारी उस की सोच पर उंगली उठा देती है
बस मन आज कल ये सब सोच-सोच के दुखता है पता नही क्यू...

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