डॉ विवेक आर्य
भारत पूरे विश्व में सबसे अधिक
भैंसे का मांस निर्यात करता है।
हमारे देश में कई हजार अवैध कत्लखाने चल रहे है।
जिसमें से केवल 1624 बूचड़खाने वैध है।
1624 में से 74 बूचड़खाने पूरी तरह से आधुनिक है।
जहाँ पर मशीनों से पशुओं का क़त्ल होता है।
इनकी पशुओं क़त्ल करने की क्षमता बहुत अधिक होती हैं।
हर रोज एक अनुमान के अनुसार एक लाख भैसों का वध होता है। ‼
यानि सालाना एक करोड़ भैंसे हमारे देश में क़त्ल किये जा रहे हैं। ‼
इस गति से अगर क़त्ल होता रहा तो आने वाले वर्षों में पशुधन देखने को भी नहीं मिलेगा।‼
79 बूचड़खानों में से सबसे अधिक
42 उत्तर प्रदेश (पश्चिमी),
13 महाराष्ट्र,
5 पंजाब (डेराबस्सी के निकट),
5 तिलंगाना,
3 आँध्रप्रदेश,
एक हरियाणा (मेवात),
बंगाल (कोलकाता)
और नागालैंड (दीमापुर) में हैं।
74 में से 66 बूचड़खानों के मालिक मुस्लिम है।
7 के हिन्दू और एक के ईसाई है।
13 बूचड़खाने अकेले अफ़जल लतीफ़ के हैं।
सभी बूचड़खानों में हलाल पद्यति का अनुसरण होता है। 樂
एक मौलवी क़त्ल करने से पहले बिस्मिल्लाह बोलता है।樂
यह भारत सरकार का नियम है।樂
क्यूंकि यह मांस खाड़ी देशों को निर्यात होता है।
पिंक अर्थात गुलाबी क्रांति को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार बूचड़खाना लगाने में 50% सब्सिडी मैदानी इलाकों में एवं 75% सब्सिडी पहाड़ी इलाकों में देती है।
सरकार द्वारा 2013-2014 में 25.8 करोड़ रुपये,
2014-2015 में 10.3 करोड़ रुपये
और 2015-2016
(मोदी जी के कार्यकाल) में 26 करोड़ (सबसे अधिक) रुपये सब्सिडी रूप में दिए गए।
कमाल है …
हमारी सरकार इतनी सब्सिडी कभी गौपालन के लिए भी नहीं देती। 樂樂
2014 में हमारे देश से बीफ का निर्यात बासमती चावल से भी अधिक हो गया है। ‼
हमने ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील और अमेरिका को बीफ निर्यात में पीछे छोड़ दिया हैं।
ये देश भारत से 2 से 3 गुना बड़े है।
और उनकी जनसंख्या भारत से दसवां भाग भी नहीं है।
उनके पास पशुओं को चराने के लिए बड़े विशाल चरागाह भी हैं।
हमारे देश में 2012 की गणना के अनुसार
11 करोड़ भैंस और भैंसे थे
जबकि 19 करोड़ गौ और बैल थे।
भैंसों की संख्या 9.2 करोड़ थी।
सबसे अधिक भैंसें कटने के लिए कत्लखाने जाते है।
उनकी आयु 2 वर्ष या उससे भी कम होती है।
निर्यात के लिए
उत्तर प्रदेश में हरयाणा,
पंजाब,
दिल्ली,
राजस्थान,
बिहार आदि
राज्यों से सबसे अधिक पशु तस्करी होती हैं।
इसके अतिरिक्त बंगाल से बंगलादेश में भी पशुधन की तस्करी होती है।
केरल में बीफ खाने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है।
अगर इसी दर से पशुधन का कत्लेआम होता रहा……
तो वह दिन दूर नहीं
जब भारत विदेशों से दूध आयात करेगा
और
यहाँ की भूमि बंजर बन चुकी होगी।
अब तो जागो !!
#गुलाबी_क्रांति #बुचडखाने #कत्लेआम #कतल_खाने,
Peace if possible, truth at all costs.