बड़ी हो जाए तो अपने पिता और जवान भाई से भी थोड़ी दूरी बनाए रखना चाहिए..

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बेटी जब बड़ी हो जाए तो अपने पिता और जवान भाई से भी थोड़ी दूरी बनाए रखना चाहिए, बड़े होने का अहसास उन्हें होना ही चाहिए... 

हमारे समय में ये कहावत हर घर की माएं अपनी बेटियों को जरूर बताती थीं। अगर इसे सेक्स एजूकेशन कहें तो गलत नही होगा जो इंडाईरेक्टली हमारी मांओं के द्वारा हमें दी जाती थी।
हमें बैड टच और गुड टच का अहसास बिना किसी एजुकेशन के ही हो जाता था।

और आज ??
कितने घरों में लड़कियों को उनके बड़े होते ही पिता/भाई से दूरी बनाकर रखने की सीख मिलती है ??

आप मुझे संकीर्ण कह सकते हैं लेकिन इस बात को डीनाय नही कर सकते कि आज के माहौल के लिए हम घरवाले ही कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं।

गलत खानपान या जीरो एक्स्ट्रा एक्टिविटी या कुछ जीन ही ऐसे है जो आजकल के बच्चे बचपन से ही ओवरवेट होते जा रहे हैं।

खासकर लडकियां कम उम्र में ही बचपन से निकल युवावस्था में प्रवेश करके शरीर से तो बड़ी हो जा रही लेकिन बुद्धि से बचपने से बाहर नही आती।

ऐसे में लड़कियां कितनी भी बड़ी हो जाएं मां पिता उनको बच्चा ही समझते हैं, बचपन में तो सब ठीक लगता है लेकिन जब युवावस्था में प्रवेश करती बेटी हर वक्त पिता के बेहद करीब होकर बात करे या हर वक्त गले लग जाए तो उस मां या पिता का कर्तव्य बनता है कि बेटी को ऊंच नीच समझाए, उनके बेहतर भविष्य के लिए थोड़ी दूरी बनाने की सीख दें ,उन्हें अगाह करें लेकिन ऐसा बहुत कम ही दिखता है।

बड़ी होती बच्चियां मां से तो कम लेकिन पिता से ज्यादा क्लोज होती हैं , पापाओँ को भी अपनी परियों का खुद के गले लगना सुहाता है लेकिन वो भूल जाते हैं कि ऐसे उन परियों के दिमाग में किसी के भी गले लगना बड़ी साधारण सी बात लगने लगती हैं।

फिर आता है तुलनात्मक समीक्षा 
"मम्मा वो मेरा फ्रेंड है , और फ्रेंड के गले लगना गलत नहीं होता ... वो मेरे पापा की तरह ही केयर करता है।

अब मम्मा लोगों को समझना चाहिए कि पापा की तरह बेटी को प्यार दुलार कोई नही कर सकता।

अगर आप अपने बचपन से तुलना करें तो समझ आएगा कि आपने क्या पाया और आप अपने बच्चों को क्या दे रहे।

अग्रिम माफी अगर किसी को मेरी बात से तकलीफ हुई है तो।🙏
मैं जो अपने आस पास देख रही समझ रही उसी के आधार पर लिखती हूं।
बच्चों को खासकर बेटियों को.,... 

उनकी शारीरिक बनावट और उससे होने वाले नुकसान/फायदे से अवगत कराएं, अन्यथा यूं ही टुकड़े होते बच्चों के शरीर के टुकड़ों पर विलाप करने के लिए तैयार रहें।

#सनातन_संस्कृति_और_विज्ञान 🚩

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