जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी उस समय फील्ड मार्शल मानेकशॉ आर्मी चीफ थे, इंदिरा गाँधी ने उन्हें पाकिस्तान पर चढाई करने का आदेश दिया...
इसके जवाब में जनरल मानेकशॉ ने कहा सैनिक तैयार हैे, पर उचित समय पर युद्ध करेंगे।
लेकिन इंदिरा गाँधी ने तुरंत चढाई करने का आदेश दिया...
परंतु, उचित समय पर ही सेना ने चढ़ाई करके सिर्फ 13 दिनों में पूर्वी पाकिस्तान को बांगलादेश बना दिया...
उचित समय आने पर श्री मानेक्शा इंदिरा गाँधी से बोले..."मै आपके राजकाज में दखल नही देता.. वैसे ही आप भी सैन्य कार्यवाही में दखल मत दीजिये"...
इस के पश्चात 1971 के बाद से जनरल माणेकशा जी का वेतन* बंद कर दिया गया...
परंतु, माँ भारती के इस सपूत ने कभी भी अपने वेतन की मांग नही की...
25 साल बाद जब वो हॉस्पिटल में थे तब एक दिन श्री ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, राष्ट्रपति पद पर रहते उनसे मिलने गए...
उस वक्त बातचीत के दौरान ये बात राष्ट्रपति श्री कलाम साहब को पता चली कि जिस व्यक्ति ने अपने देश के लिए 5-5 युद्ध लडे, उस योद्धा को 1971 के बाद से वेतन ही नही दिया गया... तब उन्होंने तत्काल कार्यवाही करके उनकी शेष राशि का भुगतान लगभग 1.3 करोड़ रुपये का चेक उनको भिजवाया...
ऐसे वीर योद्धा को भी इस महान गाँधी परिवार ने नही छोड़ा.आप और हम किस खेत की मूली है
Peace if possible, truth at all costs.