दुनिया का कोई भी मुस्लिम दुनिया में कहीं भी ... कभी भी उनके ईद के त्योहार पर "HAPPY EID" नहीं कभी नही कहते। वे "ईद मुबारक" ही कहेंगे ...
दुनिया के कोई भी ईसाई (ख्रिश्चन) दुनिया में कही भी हो ... वे कभी भी क्रिसमस के दिन "HAPPY CHRISMAS" नहीं कहते। वे "मेरी क्रिसमस" ही कहेंगे...
Happy DIWALI,
Happy NAVARATRI,
Happy Dashara
Happy Holi ...
ऐसे अंग्रेजी लंगोट लगाए हुए शब्द केवल हिंदुही बनाते है ... क्योंकि,
शुभ दीपावली, दीपावली की शुभकामनाएँ....
शुभ दशहरा, दशहरे की हार्दिक शुभकामनाए....
शुभ नवरात्री, नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाए....
शुभ होली, होली की हार्दिक शुभकामनाए....
ये शब्द हमे पिछड़े हुए लगते हैं ना....
ऐसा क्यों? तो, इसका एकमात्र कारण है ... धर्मशिक्षा का अभाव!
अगर धर्मशिक्षण हमारे अंदर होता ... तो हम ऐसे पिछड़े शब्द नही बोलते ....
अगर हम हिंदुओ मे धर्मशिक्षण होता तो हमे अपनी भाषा पर गर्व होता। हमे सच मे धर्मशिक्षा की बहुत ज्यादा आवश्यकता है ....
याद रखें कि अपनी भाषा संस्कृति ही अपनी पहचान है, और यही हमारी पहचान हम खुद मिटा रहे है....
याद रखना अपनी भाषा अपनी संस्कृति है, हमारे संस्कार है, और यही भाषा हमारा धर्म है....
कहा जाता है,
*भाषा रक्षती, रक्षित:* अर्थात आप भाषा की रक्षा करें, भाषा आपकी रक्षा करेगी।
हमे अपने धर्म में चल रहे इन गलत कार्यों को धर्मशिक्षण लेकरं सुधारना होगा. फिलहाल इसके आगे तो सुधरो....
*शुभ दीपावली, या दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए कहें*
*शुभ दशहरा, या दशहरे की हार्दिक शुभकामनाए कहें.*
*शुभ नवरात्री, या नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाये कहें.*
*शुभ होली, या होली की हार्दिक शुभकामनाए कहें.*
ऐसे हम हमारी राज्यभाषा मातृभाषा मे भी शुभकामनाए दे सकते है....
मराठी लोग मराठी भाषा मे दे सकते है....
गुजराती लोग गुजराती भाषा मे दे सकते है....
बिहारी लोग बिहारी भाषा मे दे सकते है....
पंजाबी लोग पंजाबी भाषा मे दे सकते है....
या देश स्तरपर संस्कृत या शुद्ध हिंदी भाषा का उपयोग करे....
*गर्व करो कि हम दुनिया के सबसे प्राचीन और सबसे महान सनातन वैदिक हिंदु धर्म मे जन्मे है.*
*संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन सबसे महान सबसे कठिन और सबसे जादा ज्ञान होनेवाली भाषा है सभी भाषा का मूल संस्कृत है तो उसको बढावा दे....*
*🚩धर्मो रक्षति रक्षितः*🚩
*🚩अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तदैवच:*🚩
*जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण।☀️🇮🇳*
Peace if possible, truth at all costs.