Sunny Deol की आने वाली फ़िल्म ‪#‎Mohalla_Assi‬' ट्रेलर में गाली देने वाले 'भगवान शिव' का क्या है पूरा सच, जानें....

0




आर्य राघवेन्द्र's photo.
.
=> सोशल मीडिया पर अभिनेता सनी देओल की फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' के लीक हुए ट्रेलर को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी फिल्म मोहल्ला अस्सी के लीक हुए इस ट्रेलर में भगवान शिव को गाली देते हुए दिखाया गया.
इसी बात से नाराज से लोगों ने फिल्म का विरोध करना शुरू कर दिया है. 'मोहल्ला अस्सी' काशीनाथ सिंह के उपन्यास 'काशी के अस्सी' पर आधारित है. एबीपी न्यूज़ के पत्रकार सुशांत शुक्ला से बातचीत में मोहल्ला अस्सी के निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने इस ट्रेलर को अनधिकृत फुटेज करार दिया.
=> यह फिल्म की रिलीज़ को रोकने का प्रयास है.
चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि कि उन्हें यह फुटेज एक संबंधी ने भेजी जिसे उन्होंने एक आम दर्शक की तरह देखा. डॉ. द्विवेदी के मुताबिक, ''मोहल्ला अस्सी को जिस प्रकार से दुष्प्रचारित किया जा रहा है वह फिल्म के पूरे होने होने उसके रिलीज़ होने की कि किसी भी संभावना को समाप्त करने का प्रयास है. जो कुछ अनधिकृत फुटेज में दिखाया जा रहा है – वह दर्शकों को दिक्भ्रमित करने, उत्तेजना और विरोध का वातावरण तैयार करने का एक विकृत प्रयास है.''
सांस्कृतिक प्रदूषण के विरोध की कहानी है 'मोहल्ला अस्सी'
फिल्म में गालियों की भरमार के सवाल पर डॉक्टर द्विवेदी ने बताया, ''फिल्म मोहल्ला अस्सी भारत के प्रसिद्ध लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित काशीनाथ सिंह के बहु चर्चित उपन्यास काशी का अस्सी के “पांडे कौन कुमति तोहें लागी पर आधारित है”. कथा का मुख्य चरित्र धर्मनाथ पांडे एक संस्कृत शिक्षक है जो वेदांत पढाता है है और सुबह घाट पर बैठ कर तीर्थ यात्रियों को गंगा जल देकर संकल्प करवाता है.धर्मनाथ पांडे बनारस में हो रहे सांस्कृतिक प्रदूषण का विरोध कर रहा है.'' फिल्म में धर्मनाथ पांडे का किरदार सनी देओल ने निभाया है.
=> भगवान शिव गाली नहीं दे रहे!
''फिल्म का एक पात्र एक बहुरुपिया भी है. यह बहुरुपिया शिवजी का रूप बना कर पर्यटकों के साथ फोटो खिंचवाता है और अपनी रोज़ी रोटी कमाता है.घाट पर बैठने वाले धर्मनाथ पांडे से उसकी इसी बात के लिए तकरार भी होती है. पांडे और इस बहुरूपिये में कैसे सामंजस्य होता है, ये इंट्रेस्टिंग कहानी है. जिसे शिवजी के रूप में देखकर लोग प्रतिक्रिया कर रहे हैं वह महादेव का रूप बनाकर रोज़ी रोटी के लिए घूम रहा बहुरुपिया है.''
=> “अस्सी की आत्मा का अपहरण हो रहा है” क्या कोई आगे आयेगा?
डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी के मुताबिक मोहल्ला अस्सी को लोग गलत करीके से प्रचारित कर रहे हैं दरअसल यह 'मोहल्ला अस्सी' संस्कृति को बचाने का प्रचार है फिल्म के एक डॉयलॉग “अस्सी की आत्मा का अपहरण हो रहा है” क्या कोई आगे आयेगा ? के जरिए डॉक्टर द्विवेदी कहते हैं, ''संस्कृत और संस्कृति बचेगी तो देश बचेगा. यह कहानी है मोहल्ला अस्सी की. भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी बनारस की.''
=> सांस्कृतिक प्रदूषण के विरोध की कहानी है 'मोहल्ला अस्सी'
फिल्म में गालियों की भरमार के सवाल पर डॉक्टर द्विवेदी ने बताया, ''फिल्म मोहल्ला अस्सी भारत के प्रसिद्ध लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित काशीनाथ सिंह के बहुचर्चित उपन्यास काशी का अस्सी के “पांडे कौन कुमति तोहें लागी पर आधारित है”.
कथा का मुख्य चरित्र धर्मनाथ पांडे एक संस्कृत शिक्षक है जो वेदांत पढाता है और सुबह घाट पर बैठ कर तीर्थ यात्रियों को गंगा जल देकर संकल्प करवाता है. धर्मनाथ पांडे बनारस में हो रहे सांस्कृतिक प्रदूषण का विरोध कर रहा है.'' फिल्म में धर्मनाथ पांडे का किरदार सनी देओल ने निभाया है.
'भगवान शिव गाली नहीं दे रहे'
फिल्म के ट्रेलर के एक दृश्य में भगवान शिव को गाली देते हुए दिखाया गया है. इस सवाल पर डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा, ''धर्मनाथ पांडे के अतिरिक्त इस फिल्म में एक पात्र एक टूरिस्ट गाईड है जो धूर्त है, एक बेरोजगार और असफल नाई है.''
उन्होंने बताया, ''फिल्म का एक पात्र एक बहुरुपिया भी है. यह बहुरुपिया शिवजी का रूप बना कर पर्यटकों के साथ फोटो खिंचवाता है और अपनी रोज़ी रोटी कमाता है.घाट पर बैठने वाले धर्मनाथ पांडे से उसकी इसी बात के लिए तकरार भी होती है. पांडे और इस बहुरूपिये में कैसे सामंजस्य होता है, ये इंट्रेस्टिंग कहानी है. जिसे शिवजी के रूप में देखकर लोग प्रतिक्रिया कर रहे हैं वह महादेव का रूप बनाकर रोज़ी रोटी के लिए घूम रहा बहुरुपिया है.''

डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी के मुताबिक मोहल्ला अस्सी को लोग गलत करीके से प्रचारित कर रहे हैं दरअसल यह 'मोहल्ला अस्सी' संस्कृति को बचाने का प्रचार है फिल्म के एक डॉयलॉग “अस्सी की आत्मा का अपहरण हो रहा है”
=> कौन हैं डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी
डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने बॉलीवुड में डायरेक्टर, स्क्रिप्ट राइटर, एक्टर, के तौर पर एक अलग पहचान बनाई है. साल 1991 में डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी प्रसिद्ध घारावाहिक ‘चाणक्य’ के जरिए घर-घर में पहचान बनाई.
साल 2003 में डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय हिंदू और मुस्लिमों के बीच तनाव की कहानी पर आधारिक फिल्म ‘पिंजर’ बनाई. फिल्म की कहानी अमृता प्रीतम के उपन्यास ‘पिंजर’ पर आधारित थी.
इसके अलावा चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने 1996 में धारावाहिक सीरीज़ मृत्युंजय का निर्देशन भी किया. इसके लिए डॉक्टर द्विवेदी को ‘वीडियोकॉन स्क्रीन बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड भी मिला.
साल 2014 में डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने ‘ज़ेड प्लस’ फिल्म क्रिटिक के साथ साथ आम दर्शक ने भी खूब सराहा था.

Post a Comment

0Comments

Peace if possible, truth at all costs.

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !